एक आदमीने और उसके बिवीने दातके डॉक्टरके ऑफिसमें प्रवेश किया. उस आदमीने डॉक्टरसे कहा,
'' डॉक्टर .. मै बहुत जल्दीमें हूं .. सच कहूं तो बाहर गाडीमें मेरे दो दोस्त बैठकर गोल्फ खेलनेके लिए जानेके लिए मेरी राह देख रहे है ..
आप ऐसा करो .. दात बेहोश करनेके चक्करमे ना पडते हूए उसके सिधा पकडमें पकडकर खिचो .. हमें 10 बजे गोल्फ क्लबको पहूंचना है और अब 9.30 बजकर उपर हो चुके है ... इंजक्शन देकर बेहोशीका असर होनेतक रुकनेका वक्त मेरे पास नही है ...''
उस डॉक्टरने सोचा ' कितना ढिठ आदमी है ...
बेहोशीका इंजेक्शन दिए बिना दात निकालनेके लिए बोल रहा है ...
इसलिए उस डॉक्टरने उस आदमीसे पुछा, '' साहब .. कौनसा दात निकालना है ?''
वह आदमी अपने बिवीकी तरफ मुडते हूए बोला, '' हनी जरा अपना मुह खोलो और उनको बताओ तो ''
'' डॉक्टर .. मै बहुत जल्दीमें हूं .. सच कहूं तो बाहर गाडीमें मेरे दो दोस्त बैठकर गोल्फ खेलनेके लिए जानेके लिए मेरी राह देख रहे है ..
आप ऐसा करो .. दात बेहोश करनेके चक्करमे ना पडते हूए उसके सिधा पकडमें पकडकर खिचो .. हमें 10 बजे गोल्फ क्लबको पहूंचना है और अब 9.30 बजकर उपर हो चुके है ... इंजक्शन देकर बेहोशीका असर होनेतक रुकनेका वक्त मेरे पास नही है ...''
उस डॉक्टरने सोचा ' कितना ढिठ आदमी है ...
बेहोशीका इंजेक्शन दिए बिना दात निकालनेके लिए बोल रहा है ...
इसलिए उस डॉक्टरने उस आदमीसे पुछा, '' साहब .. कौनसा दात निकालना है ?''
वह आदमी अपने बिवीकी तरफ मुडते हूए बोला, '' हनी जरा अपना मुह खोलो और उनको बताओ तो ''
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