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आया की राजु लगातार खिडकीके बाहर कुछ देख रहा है.
टिचर - राजु
राजु शायद बाहर देखनेमें इतना खो गया था की उसे टिचर की आवाज आई ही नही.
टिचर - (राजुकी तरफ चॉक फेंकते हूए ) राजु... बाहर क्या देख रहे हो.
राजु - ( हडबडाकर ) बंदर
टिचर - ( गुस्सेसे ) यहां मेरे होते हूए..
टिचर - ( अपनी गल्ती सुधारते हूए ) ... मतलब यहां क्लासमें मेरे होते हूए तुम्हारी बाहर देखनेकी हिम्मत कैसे हूई...
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