तूफान तेज़ी पर था। बडी हवेली की खिडकियां जोर-जोर से खड्खडा रही थी। एक बूडा नौकर मेहमान को शयनकक्ष की तरफ ले जा रहा था। रहस्यमय और भयानक वातावर्ण से डरे हुए मैहमान ने बूडे नौकर से पूछा, क्या इस कमरे मे कोई अप्रत्याशित घटना घटी है?"
"चालीस साल से तो नही।" नौकर ने जवाब दिया।
आशवस्त होते हुए मेहमान ने पूछा, " चालीस साल पहले क्या हुआ था?" बूडे नौकर के आखों मे चमक पैदा हुई और वह फुसफुसाते हुए बोला,
"एक आदमी सारी रात इस कमरे मे ठहरा था और सुबह बिल्कुल ठीक ठाक उठा था।"
"चालीस साल से तो नही।" नौकर ने जवाब दिया।
आशवस्त होते हुए मेहमान ने पूछा, " चालीस साल पहले क्या हुआ था?" बूडे नौकर के आखों मे चमक पैदा हुई और वह फुसफुसाते हुए बोला,
"एक आदमी सारी रात इस कमरे मे ठहरा था और सुबह बिल्कुल ठीक ठाक उठा था।"
No comments:
Post a Comment