बब्बाल सिंह : आते होंगे सर! आपको ज़रूर कोई अच्छा टीचर पढ़ाता होगा!
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सेठ ने अपने नौकर से कहा, "तूने आज मुझे नदी में डूबने से बचाया है, यह लो दस रूपए का नोट, पांच रूपए तुम रख लो और पांच मुझे लौटा दो."
मगर नौकर के पास लौटाने के लिए पैसे नही थे.
उनसे कहा, "सेठ जी, यहां तो कोई दुकान भी नहीं है कि नोट भुनाया जाए, आप इसे अपने ही पास रख लीजिए. जब दोबारा डूबें तो मुझे दस रूपए का नोट दे दीजिएगा."
मगर नौकर के पास लौटाने के लिए पैसे नही थे.
उनसे कहा, "सेठ जी, यहां तो कोई दुकान भी नहीं है कि नोट भुनाया जाए, आप इसे अपने ही पास रख लीजिए. जब दोबारा डूबें तो मुझे दस रूपए का नोट दे दीजिएगा."
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जेल मे एक कैदी ने दूसरे कैदी से पूछा, "तुमसे कोई मिलने क्यों नहीं आता? क्या तुम्हारा कोई रिश्तेदार नहीं है?"
दूसरे कैदी ने जवाब मे कहा, " बहुत हैं पर सारे इसी जेल में हैं."
दूसरे कैदी ने जवाब मे कहा, " बहुत हैं पर सारे इसी जेल में हैं."
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मल्लिका शेरावत ने बाबा रामदेओजी से पूछा, मैं नहाते समय क्या लगाऊं जिससे मेरा यौवन सुरक्षित रहे ?
बाबा ने कहा दरवाजा !!
बाबा ने कहा दरवाजा !!
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रात को एक बजे जब लड़की घर आती है तो माँ-बाप बोलते हैं किस कमीने लडके के साथ थी
रात को एक बजे जब लड़का घर आता है तो माँ-बाप बोलते हैं कमीने कहाँ से पी कर आ रहा है
मोराल ऑफ़ दा स्टोरी: लडके कुछ भी कर लें कमीने ही कहलायेंगे
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एक बुड्ढा अमीर आदमी एक जवान लड़की से शादी करता है
TV वाले : अपने इनमें शादी के लिए क्या देखा?
लड़की: एक तो इनकी इनकम और दूसरे इनके दिन कम.
TV वाले : अपने इनमें शादी के लिए क्या देखा?
लड़की: एक तो इनकी इनकम और दूसरे इनके दिन कम.
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रावण को अदालत मैं लाया जाता है..
वकील: गीता पेर हाथ रखो
रावण: सीता पर हाथ रख कर इतनी मुसीबत आई! अब गीता पे हाथ नहीं रखूँगा
वकील: गीता पेर हाथ रखो
रावण: सीता पर हाथ रख कर इतनी मुसीबत आई! अब गीता पे हाथ नहीं रखूँगा
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लड़का : चलो किसी वीरान जगह चलते हैं!
लड़की : तुम ऐसी वैसी हरकत तो नही करोगे?
लड़का : बिल्कुल नही!
लड़की : तो फिर रहने दो... क्या फ़ायदा.
लड़की : तुम ऐसी वैसी हरकत तो नही करोगे?
लड़का : बिल्कुल नही!
लड़की : तो फिर रहने दो... क्या फ़ायदा.
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टीचर: यह किसके हस्ताक्षर हैं @@@@@@@@
बब्बाल सिंह : यह मेरे पिताजी के हस्ताक्षर हैं!
टीचर: ऐसे कैसे!
बब्बाल सिंह : वो जलेबी बनाते हैं हाथ ऐसे हो चलते हैं!
बब्बाल सिंह : यह मेरे पिताजी के हस्ताक्षर हैं!
टीचर: ऐसे कैसे!
बब्बाल सिंह : वो जलेबी बनाते हैं हाथ ऐसे हो चलते हैं!
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